जंगल में अब
लड़ाई चल रही है
सखुआ के पेड़ में
मनुष्य का खून लगा है
और जमीन पर तो –
मनुष्य का सर लुढक रहा है।
सखुआ के पेड़ में
मनुष्य का खून लगा है
और जमीन पर तो –
मनुष्य का सर लुढक रहा है।
जंगल को गुलाम
करने की लड़ाई
जमीन के अंदर की दौलत
लूटने की लड़ाई
अब जोर पकड़ रही है।
करने की लड़ाई
जमीन के अंदर की दौलत
लूटने की लड़ाई
अब जोर पकड़ रही है।
उस ओर से कमांडो
इस ओर से कॉमरेड
उसके बीच
सखुआ के आड़ में
आदिवासी रो रहे है।
इस ओर से कॉमरेड
उसके बीच
सखुआ के आड़ में
आदिवासी रो रहे है।
उस ओर से कॉमंडो के
हिप-हिप हुर्रे
इस ओर से कॉमरेडों के
हुल गीत से
जंगल भर गया है –
और
आदिवासियों के
रोने की आवाज़
लड़ाई की शोर से
दब गयी है।
हिप-हिप हुर्रे
इस ओर से कॉमरेडों के
हुल गीत से
जंगल भर गया है –
और
आदिवासियों के
रोने की आवाज़
लड़ाई की शोर से
दब गयी है।
By:- Chandramohan Kisku
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